समझदारी से करें बैटरी का चयन
इन्वर्टर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा उसकी बैटरी होती है। आमतौर पर आपको इन्वर्टर के साथ बैटरी अलग से खरीदनी पड़ती है। वहीं कुछ ब्रांडेड कंपनियां इन्वर्टर और बैटरी एक साथ भी बेचती हैं। लेकिन दोनों ही परिस्थितियों में आपको बैटरी के चयन में समझदारी से काम लेना होगा। बाजार में उपलब्ध बैटरी मुख्यतः 3 प्रकार के होती हैं। पहली फ्लैट प्लेट बैटरी, दूसरी ट्यूबलर बैटरी और तीसरी ड्राई या फिर रखरखाव मुक्त बैटरी। इन तीनो बैटरियों में फ्लैट प्लेट बैटरी सबसे सस्ती बैटरी होती हैं, लेकिन उनकी लाइफ कम होती है और अधिक रखरखाव की आवश्यकता पड़ती हैं। रखरखाव मुक्त बैटरी की लाइफ इनसे कुछ ज्यादा होती है, लेकिन रखरखाव कम और अधिक लागत की होती हैं। ऐसे में ट्यूबलर बैटरी सबसे बेहतर होती है। इनकी लाइफ लंबी, रखरखाव कम होता है।
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Inverter लें या होम यूपीएस
आज बाजार में इन्वर्टर के साथ ही नया सेगमेंट और खड़ा हो गया है। वह है होम यूपीएस। यह इन्वर्टर और यूपीएस दोनों का काम करता है। होम यूपीएस डीसी करंट को एसी करंट में बदलकर पावर बैकअप के रूप में प्रयोग करता है। जैसा नाम से ही पता चलता है कि अनइंटरेप्टेड पावर सप्लाई (यूपीएस) के चलते इक्विपमेंट के मेन स्विच से बंद होने या फ्लक्चुएट होने की संभावना नहीं होती। सामान्य इन्वटर्र जहां स्विच होने में 500 मिली सेकेंड का वक्त लेता है। वहीं होम यूपीएस मात्र 3 से 5 सेकेंड में स्विच कर जाता है।
इन्वर्टर बैटरी की वॉरंटी और सर्विस सपोर्ट
इन्वर्टर क्योंकि सबसे ज्यादा यूज में आता है। इसलिए खरीदारी के वक्त इसकी बैटरी और मशीनरी की अलग अलग वॉरंटी और गारंटी की पड़ताल जरूर कर लें। वॉरंटी होने पर कंपनी खराबी आने पर उसकी फ्री मेंटेनेंस करती है। वहीं गारंटी की दशा में आपको नया प्रोडक्ट मिलता है। सामान्यतया इन्वर्टर पर आपको 5 साल से 7 साल तक की वारंटी मिल सकती है। लेकिन बैटरी के मामले में आपको 2 से 4 साल की गारंटी ही मिलती है। लेकिन खरीदारी की वक्त ध्यान रखें कि आप जिस कंपनी का इन्वर्टर खरीद रहे हैं उसका सर्विस सेंटर आपके शहर या कस्बे में उपलब्ध है या नहीं। ऐसा नहीं हुआ तो वारंटी या गारंटी होने के बावजूद यह आपके लिए खर्चीला सौदा साबित हो सकता है।
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